ফুল কে না ভালোবাসে! শখ করে ফুলের বাগানও করেন অনেকে। আনন্দ উৎসবের সঙ্গী যেমন রং-রঙিন ফুল, তেমনি শোক জানাতেও ব্যবহার করা হয় ফুল। ধর্মীয় আচার-অনুষ্ঠানেও ফুলের ব্যাপক ব্যবহার হয়। আবার উপলক্ষের ভিন্নতায় কখনও দরকার হয় রঙিন ফুল, কখনও আবার প্রয়োজন হয় সাদা ফুলের।
Md Kashim
टिप्पणी हटाएं
क्या आप वाकई इस टिप्पणी को हटाना चाहते हैं?
Md Ariful
टिप्पणी हटाएं
क्या आप वाकई इस टिप्पणी को हटाना चाहते हैं?
mdasifhossein
टिप्पणी हटाएं
क्या आप वाकई इस टिप्पणी को हटाना चाहते हैं?
Hafaz Emran Hossain
टिप्पणी हटाएं
क्या आप वाकई इस टिप्पणी को हटाना चाहते हैं?
Hafaz Emran Hossain
टिप्पणी हटाएं
क्या आप वाकई इस टिप्पणी को हटाना चाहते हैं?
Shouherdo Khondokar
टिप्पणी हटाएं
क्या आप वाकई इस टिप्पणी को हटाना चाहते हैं?
MDsadikul Islam
टिप्पणी हटाएं
क्या आप वाकई इस टिप्पणी को हटाना चाहते हैं?
Md Sohag
टिप्पणी हटाएं
क्या आप वाकई इस टिप्पणी को हटाना चाहते हैं?
Hafez sefatulla Ahmad
टिप्पणी हटाएं
क्या आप वाकई इस टिप्पणी को हटाना चाहते हैं?
محمد حبيب ميا
टिप्पणी हटाएं
क्या आप वाकई इस टिप्पणी को हटाना चाहते हैं?